Bilaspur High Court Police News: पुलिस आरक्षक भर्ती पर लगी रोक हटी, पुलिस कर्मियों के बच्चों को मिलने वाली छूट खत्म
क्या है पूरा मामला?
पुलिस आरक्षक भर्ती से जुड़े इस मामले की शुरुआत तब हुई जब छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने गृह विभाग के अवर सचिव को एक पत्र लिखकर सिफारिश की थी कि पुलिस विभाग में कार्यरत एक्स सर्विसमैन (पूर्व सैनिक) के बच्चों को भर्ती प्रक्रिया में विशेष छूट दी जाए। गृह विभाग ने इस सिफारिश को मंजूरी दे दी थी।
इसके बाद, बेदाराम टंडन नामक याचिकाकर्ता ने इसे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिका में दलील दी गई कि केवल पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है, जो समानता और रोजगार में समान अवसर की गारंटी देता है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर अस्थाई रोक लगा दी थी।
बुधवार, 2023-24 के आरक्षक भर्ती मामले में, हाईकोर्ट ने इस रोक को हटा दिया। जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की बेंच ने सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया कि सामान्य पुलिसकर्मियों के बच्चों को दी गई छूट असंवैधानिक है। हालांकि, शहीद पुलिसकर्मियों के बच्चों और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों के बच्चों को छूट दी जाएगी।
पुलिस कर्मियों के बच्चों को क्यों नहीं दी जाएगी छूट?
हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट देने की प्रक्रिया को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (रोजगार में समान अवसर) का उल्लंघन माना। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी विशेष वर्ग को बिना तर्कसंगत आधार के प्राथमिकता देना बाकी नागरिकों के साथ भेदभाव है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि केवल पुलिसकर्मियों के बच्चों को लाभ देने से आम नागरिकों के साथ अन्याय होगा। हालांकि, शहीद पुलिसकर्मियों के बच्चों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों के बच्चों को छूट जारी रहेगी, क्योंकि यह छूट उनके अद्वितीय योगदान और बलिदान को मान्यता देने के लिए है।
फिजिकल टेस्ट में छूट का विवाद(Bilaspur High Court Police News2007)
मामला फिजिकल टेस्ट में छूट से भी जुड़ा था। पुलिस भर्ती नियम 2007 की कंडिका 9(5) के तहत भर्ती प्रक्रिया के मापदंडों को शिथिल करने का प्रावधान था। इसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान ऊंचाई, वजन, और छाती की चौड़ाई जैसे मापदंडों को शिथिल करने की बात कही गई थी।
गृह विभाग ने इन प्रावधानों को स्वीकार कर लिया, लेकिन याचिकाकर्ता ने इसे चुनौती देते हुए कहा कि यह भेदभावपूर्ण है। याचिका में दावा किया गया कि यह विशेष छूट केवल पुलिस विभाग से जुड़े लोगों तक सीमित है, जबकि अन्य नागरिकों को इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा।
हाईकोर्ट का निर्णय(Bilaspur High Court Police News)
हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाते हुए कहा कि छूट केवल उन्हीं को दी जाएगी जो वास्तव में इसके पात्र हैं।
- शहीद पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट दी जाएगी।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों के बच्चों को भी लाभ मिलेगा।
- सामान्य पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट समाप्त कर दी गई है।
अब आरक्षक संवर्ग की भर्ती प्रक्रिया फिजिकल टेस्ट के बाद शुरू की जाएगी।
भर्ती प्रक्रिया पर क्या असर होगा?
इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक भर्ती 2023-24 की प्रक्रिया पुनः शुरू हो गई है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार का भेदभाव सहन नहीं किया जाएगा। फिजिकल टेस्ट और अन्य मापदंड अब सभी उम्मीदवारों के लिए समान रहेंगे।
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निष्कर्ष
Bilaspur High Court Police News से जुड़ा यह मामला न्यायिक प्रणाली के जरिए संविधान के अधिकारों की रक्षा का एक उदाहरण है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को समान अवसर मिले और किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती प्रक्रिया अब निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ेगी।